अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ
(International Development Association)
अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (International Development Association) (IDA), विश्व बैंक की एक अनुषंगी संस्था है. इसे विश्व बैंक की रियायती ऋण देने वाली खिड़की अर्थात उदार ऋण-खिड़की भी कहते हैं. इसकी स्थापना 24 सितम्बर 1960 को की गयी थी. इसकी सदस्यता बैंक के सभी सदस्यों के लिए खुली हुई है. इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन, आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए एवं विभिन्न कार्यक्रमों के लिए ऋण व अनुदान उपलब्ध कराने का कार्य करता है. साथ ही अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के लिए अनेक कार्यक्रमो का संपादन समय-समय पर सम्पादित करता रहता है.इसे अर्थात अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन) (आईडीए) को पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंक (आईबीआरडी) की रियायती ऋण देने वाली खिड़की के रूप में जाना जाता है. इससे प्राप्त ऋण पर कोई ब्याज नहीं देना होता है तथा यह ऋण विश्व के निर्धन राष्ट्रों को ही उपलब्ध कराये इस संघ का कार्य संचालन उन्हीं व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जो विश्व बैंक का संचालन करते हैं.
आईडीए के प्रमुख कार्य:-
दुनिया के सबसे गरीब देशों में उनके महत्वपूर्ण विकास कार्यों में धन की जरूरत होती है. ये गरीब देश इतने सक्षम नहीं होते हैं की वे अपने विकास कार्य को गति दे सकें जिसकी वजह से उन्हें अनेक धन सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन्ही परेशानियों के कारण ही इन देशों में शिक्षा की बेहद कमी पायी जाती हैं साथ ही स्वास्थ्य की स्थिति भी अयंत बुरी होती है, जिसकी वजह सेइन देशों में अनेक बीमारियों पैदा होती रहतीहैं. इन्ही कार्यों में मदद करने हेतु यह संस्था आगे आती है और इन देशो में विद्यमान समस्याओं को निबटाने में अथक प्रयत्न करती है, उदाहरण के लिए बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं, प्राथमिक शिक्षा, साफ पानी और स्वच्छता, कृषि, पर्यावरण सुरक्षा उपायों, व्यापार जलवायु में सुधार, संस्थागत सुधारोंऔर बुनियादी सुविधाओं के लिए किये जाने वालेप्रयास. उल्लेखनीय है की इन परियोजनाओं की वजह से ही आर्थिक विकास, समानता, रोजगार सृजन,बेहतर रहने की स्थिति और उच्च आय की परिस्थिति का जन्म हुआ है.
1 जुलाई 2014-जून 30, 2017 तक की अवधि के लिए इस संस्था नें अपने विविध कार्यों के संचालन के लिए चार विषयगत क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया है:
→*.कमजोर और संघर्ष से प्रभावित देश
→*.जलवायु परिवर्तन
→*.समावेशी विकास
→*.लैंगिक समानता
बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी
(Multilateral Investment Guarantee Agency)
बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी विश्व बैंक समूह की ही एक संस्था सदस्य है. बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी का प्रमुख मिशन, विकासशील देशों में आर्थिक विकास को बनाए रखने में मदद करने के लिए तथा उनमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहित करने के लिए जरुरी मदद प्रदान करनी है. साथ ही लोगों के जीवन में सुधार लाने और गरीबी को कम करने के लिए अथक प्रयत्नभी करना है.रणनीति:-
→*.बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी के संचालन की प्रमुख रणनीति जटिल ऑपरेटिंग वातावरण में निजी बीमा कंपनियों और निवेशकों ड्राइंग बाजार में हमारे सामने सबसे बड़ी शक्ति के लिए खेलता है। यह यह अधिकतम फर्क कर सकते हैं जहां क्षेत्रों में निवेश indemnifying (वित्तीय सुरक्षा) पर केंद्रित है।
→*.अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (दुनिया के सबसे गरीब देशों में) विकास के सन्दर्भ में सहायता करती है और उन्हें उनका हक़ दिलाने में इमदाद मुहैया कराती है.
→*.नाजुक और संघर्षमय परिस्थितियों को कम करते हुए एक बेहतरीन एवं प्रभावित वातावरण का निर्माण करती है.
→*.परिवर्तनकारी परियोजनाओं-उल्लेखनीय और बड़े पैमाने पर निवेश, क्षमता के साथ मेजबान देश में परिवर्तनकारी संशोधन के बारे में लाने के लिए
→*.जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा क्षमता को बढाने-प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक प्रभावकारी कदम उठाने के लिए साथ ही ऊर्जा क्षमता और परिवहन परियोजनाओं को आगे बढाने के लिए अनेक कार्यों का संपादनकरती है. इसके अलावा ऊर्जा और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को मजबूत बनाने का भी कार्य करती है.
→*.मध्यम आय वाले देश में इससे मजबूत प्रभावका निर्माण हो सकता है.
→*.बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी निवेशकों के लिए उपलब्ध बीमा की राशि बढ़ाने के लिए निजी और सार्वजनिक बीमा बाजार के साथ स्थायी सहयोग करने के लिए, व्यापार समुदाय का विश्वास बहाल करने के लिए इन क्षेत्रों से उत्पाद और कौशल के अपने अनूठे संदर्भो के सभी तुलनात्मक लाभों को प्रदान करता है.
शेयरधारक
इसके बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स और गवर्नर्स परिषद में इसके सभी सदस्य देशों की सहभागिता होती है. यही सदस्य देश इसके सभी नियमो और कानूनों और प्रणालियों का निर्धारण करते हैं. बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी की महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट शक्तियां इसके गवर्नर्स परिषद में ही समाहित होती है और यही संस्था निदेशक मंडल को शक्तियों का प्रमुख केंद्र बनाती है.
बैंक का ग्राहक
(Customer of Bank)
ग्राहक कौन है? शब्द "ग्राहक" को न तो भारतीय क़ानून में और न ही अंग्रेजी विधियों में ही समझाया गया है.आम बोलचाल की भाषा में ग्राहक (बैंक के सन्दर्भ में) उसी को कहते हैं जो या तो बैंक का खाताधारक हो या बैंक में बैंक से सम्बंधित आपने कार्यों को अंजाम देता हो.बैंकर और ग्राहक के कानूनी लक्षण बैंकर और ग्राहक के बीच वैध कानूनी सुविधाओंको निम्नलिखित रूप में देखा जा सकता है. इसके अलावा इनके कुछ कानूनी दायित्व भी होते हैं जो इन्हें निभाने पड़ते हैं.vइनके अधिकार और दायित्व निम्नवत हैं:
1. ग्राहकों की तरफ से ड्राफ्ट और चेक प्राप्त करने की बाध्यता.
2. ग्राहकों को चेक उपलब्ध कराने का दायित्व.
3. ग्राहकों के साथ लेनदेन के सभी समुचित रिकार्ड बनाए रखने की बाध्यता.
4. ग्राहकों से किसी और ग्राहक के खाते के बारे में जानकारी न देना और न ही इस तरह की किसी भी प्रकार की गतिविधि में शामिल होना.
5. बाध्यता ग्राहक की एक्सप्रेस खड़ी निर्देश के अनुसार कार्य करने के लिए।
6. बैंकर खाते को बंद करने की जरूरत है अगर दायित्व है, ग्राहक को तार्किक नोटिस देने केलिए।
7. बैंक खाता खोलने के समय ग्राहक को बैंक से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारियों को उपलब्ध कराना और उससे सम्बंधित सभी कागजातों को उसके द्वारा दिये गए पते पर भेजना.
8. विनियोग से सम्बंधित सभी प्रकार के कार्यों को सम्पादित करना और ग्राहकों को उनके बारे में बताना.
9. किसी भी माल और प्रतिभूतियों पर ग्रहणाधिकार करना और उनका रिकार्ड बनाये रखना.
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Monday, 5 January 2015
💈अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ💈
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